Monday, September 08, 2008

बहने

"बहने चिड़िया धूप की , दूर गगन से आयें ,
हर आँगन मेहमान सी , पकडो तो उड़ जाए।" [निदा फाजली ]

"आँगन -आँगन बेटियाँ छांटी -बांटी जाए
जैसे बाले गेहूं की ,पके तो काटी जाए "। (अज्ञात )

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