Friday, December 05, 2008

कोई मेरा बचपन वापस ला दे ?

" मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा बड़ों की देखकर दुनिया ,
बड़ा होने से डरता है । "
कोई मेरा बचपन वापस ला दे । मुझे अब कुछ नही लेना है बस कोई मेरा बचपन ला दे ,क्योकि बचपन ही तो राज -सिंहहासन था जिसे हमने पीछे छोड़ दिया । अब बड़ों की दुनिया में मन नही लगता ,अब लगता है की बचपन ही तो राज सिंहहासन था ।
कागज़ की कश्ती थी ,
पानी का किनारा था ,
खेलने की मस्ती थी ,
दिल ये आवारा था ,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादाँ बचपन कितना प्यारा था ......

1 comment:

Jasmeet.S.Bali said...

she kha apne per bach- pan kabhi vaps nhe ata
or samye kisi ke lia nhe rokta