लिखने से अधिक पीड़ा ,न लिखने में होती है । बहुत सा अलिखित रोज कचोटता रहता है । भागम -भाग की जिंदगी में सारा दिन यूही बीत जाता है,पता ही नहीं चलता और padhne -लिखने के लिए समय ही कहाँ बचता है । मन में चल रहे विचारों के नुकीले कोनों को रगड़ -रगड़ कर गोल करने की कोशिश करता रहता हूँ । यदि इसके वाबजूद कुछ गलती हो जाये तो उसका कसूरवार मै ही हूँ ...इसके लिए मेरे स्कूल ,कालेज को दोषी न समझे...............जरुरी नहीं होता की हर स्कूल में सभी काबिल हो मुझ जैसे इडियट (अपने आमिर खान की थ्री इडियट की तरह न समझे ) भी होते है ,जिसके रिपोट कार्ड पर हमेशा लाल इंक ने इबारत लिखी गयी । वैसे मैने इस इबारत को tahe दिल से गले लगाया ..... खैर जाने दीजिये अब इन बातों में क्या रखा है क्योंकि जो खूब पढ़ कर पास हुए वो भी मस्त और हम वैसे ही मस्त ॥
काफी अरसे से लिखना नहीं हो पाया उसकी वजह थी की मै अपनी बहन डॉ प्रतिभा मिश्रा को हरि
प्रकाश शर्मा जी के साथ सात फेरे दिलाने में व्यस्त था फिर अपने आप से बहाना मारने मे तो मै अव्वल हूँ कोई न कोई बहाना .....यार कल से लिखते है अभी तो बहन की शादी की है कुछ दिन आराम कर लिया जाये । अख़बार के दफ्तर में तो लिख लेते ही है यह सोच कर पूरी तरह आराम कर लिया। अब लिखने का मन बना लिया है । उसके पीछे भी कारण है आज मेरे एक साथी न लिखने पर नाराजगी जाहिर की और कहा है की अबे इडियट नहीं लिखोगे तो तुम्हे अपने खाने -पीने का बिल अदा करवाउंगा ...वैसे भी वो पेशे से बकील है उसके दोनों हाथ दुसरे की जेब तलाशते रहते है । कविता ,कहानी से भी अधिक खतरा लेख लिखने में होता है । लेख लिखने में कोई वचाब नहीं हो पता और न काल्पनिकता का कोई बहाना ।खैर दोस्त तहे दिल se शुक्रिया ....अब कुछ दोस्ती पर ही लिखने की कोशिश करता हूँ ।
मन की बात ---नाराजगी को मत हावी होने दो और इसे अपने दिल में सहेज के भी मत रखो ,बोल दो । बातों से रिश्तों में पड़ी गांठ खुल जाती है ।
The worldwide economic crisis and Brexit
8 years ago
4 comments:
सही कहा आपने ...आज की भाग-दौड़ की ज़िन्दगी में बहुत सारी बातें अनकही रह जाती हैं .
sahi kaha apne, bahut kuch aisa hota hai jo hum chahkar bhi nahi likh pate aur wahi bate hume kachotai rahi hai.............bahut sundar abhivyakti
bahut sundar lekh ,waqt ke saath man ki daud bhi shamil hai is jindagi me .
ye ankahi hi ek uljhan hai..well done sir :)
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