आओ कोई ख्वाव चुन ले कल वास्ते "
आखिरकार अदब व तहजीब के शहर लखनऊ में मेट्रो ट्रेन का बनने लगा है खाका । राज़धानी में मेट्रो ट्रेन को दौड़ने में एक दशक लग सकते है, वैसे मेट्रो का संचालन कैसे होगा उसका भी खाका लगभग तय सा है । फ़िलहाल तो भूमि परीक्षण हो रहा है उसके बाद प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जायेगी । तकनीकी अधिकारियों के अनुसार लखनऊ मे मेट्रो ट्रेन का संचालन बहुत चुनौंती पूर्ण होगा । हजरतगंज में मेट्रो ट्रेन का भूमिगत स्टेशन होगा और इसके अलावा अदब के शहर में मेट्रो ट्रेन ९० % खम्भों के सहारे हवा से बातें करेगी जबकि १० % भूमिगत होगी । अमौसी -मुंशी पुलिया ,राजाजीपुरम -गोमतीनगर तथा शक्ति भवन ,कैसरबाग ,अमीनाबाद हुसैनगंज ,आदि इलाके को होंगे जिन्हें मेट्रो ट्रेन अपने दिल की धडकनों से वाकिफ कराएगी ।
अभी तो सपना है जो शहर के लोगो ने देखना शुरू किया है जिसे पूरा करने में शासन को अपनी इच्छा शक्ति दिखानी होगी । जब से पता चला है की लखनऊ में मेट्रो आ रही है खुशी तो बहुत हो हुई पर यह मनवा बड़ा बावरा है खुशी के साथ एक चिंता साथ में फ्री दे दी । बिजली आपूर्ति का जो हाल है वो तो जगजाहिर है , मेट्रो आने पर क्या हाल होगा उसका रब ही मालिक ............लिखे जाने तक बिजली उत्पादन घटा है और बिजली संकट अपने पैर पसार रहा है । ओबरा ,अनपरा व परीछा बिजलीघरों में एक -एक इकाई ठप है जबकि ९ हजार मेगावाट की जरुरत है और उत्पादन हो रहा २००० मेगावाट का । बिजली उत्पादन के घटते स्तर को देखते हुए नये पवार प्लांट की जरुरत है जिस पर तेजी से काम होना चाहिए । जब हम लोग आज बिजली की हाय -तोबा कर रहे है तब क्या करेंगे जब मेट्रो चलेगी ....क्या ऐसे हालातों में मेट्रो के चलने पर प्रशन चिन्ह नही लगता .......बस चिंता जो मन को सता रही है की, कही यह न हो की केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की आपसी लडाई में तहजीब का शहर मेट्रो से दूर हो जाए क्योकि मेट्रो चलने के लिए बिजली की बहुत जरुरत होगी ............मौजूदा हालत कुछ और बयाँ कर रहे है ।
मन की बात --जनहित में बिजली की चोरी व दुरूपयोग को रोके ....कुछ इस तरह हम लोग भी मेट्रो ट्रेन की शुरूआत का हिस्सा बन सकेगे.....तभी तो हमारे घरों की नन्हे -मुन्ने गा सकेंगे ......छुक -छुक करती आई .....मेट्रो train