Saturday, October 11, 2008

बिन फेरे हम तेरे

'लिव -इन -रिलेशनशिप' है खुले दरवाजे का पिंजरा ,जब तक मन हो ,रहो वरना तुम अपने रास्ते हम अपने । विवाह एक परम ढोस सामाजिक व्यवस्था है: जिसमे आल -औलाद ,नैहर -ससुराल ,पड़ोस -मौहलहा ,पोथी -पतरा,रीती -रिवाज ,गहना -कपड़े के रूप मैं हर कदम पर समाज खडा है । बिना फेरे लिए लबे समय तक साथ रहने वाले लोगो को विवाह जैसी मान्यता देकर महाराष्ट्र सरकार ने एक तरह से चोर दरवाजे से दूसरे विवाह को मान्यता देने का प्रयास किया है ।
कानून बन जाने से बिना फेरे लिए साथ रहने वाले जोडों को शादी -शुदा दम्पंती के बराबर दर्जा मिल जाएगा और ऐसी महिलायें साथ रहने वाले आदमी की सम्पंती व गुजारा भत्ता की भी हक़दार
होगी ।मलिमथ कमेटी की सिफारिश पर आधारित इस प्रस्ताव में सी आर पी सी की धारा १२५ में उल्लेखित 'पत्नी' शब्द की परिभाषा को संशोधित करने की बात कही गयी है । वैसे भारतीय समाज में शादी की पवित्रता और जरूरत को देखते हुए ऐसे दोहरे रिश्तो से सामाजिक विसंगतिया होने की संभावना हो जायेगी । जब देश में कानूनी रूप से बहु -विवाह पर रोक है । तब दूसरी महिला को 'पत्नी 'का दर्जा कानून की अवहेलना मानी जायेगी ।
यदि पत्नी ही कहलाना है और बिना शादी के साथ रहने वाले महिला और पुरूष दोनों आविवाहित है तब महिला को औपचरिक शादी से पत्नी का दर्जा देने कोई एतराज क्यों ?यदि' लिव -इन -रिलेशनशिप' उन जोडों के बीच है जिनमे पुरूष विवाहहित है तो सामाजिक तरीके से विवाह करने वाली और उसके बच्चों के अधिकारों का क्या होगा वाजिब ही होगा की ऐसे संबंधो को कानूनी मोहर लगने पर पहली पत्नी और उसके बच्चों को मानसिक और आर्थिक आघात लगेगा और 'पत्नी 'जैसी दूसरी महिला को अधिकार और सुरक्षा देने के नाम पर पत्नी को आसुरक्षित माहौल में धकेल दिया जाएगा ।
यह कैसा न्याय है ?
सबसे जरुरी बात यह है की 'लिव -इन -रिलेशनशिप 'को कानून के दायरे में लाने पर विवाह जैसी संस्था की अन्तिम अनिवार्यिता पर प्रश्न चिह्न नही लग जाएगा । कुल मिला कर मेरा मानना है की किसी भी रिश्ते की चाभी परस्पर विश्वास और वचन पर है । जो हमारे बीच होती है और होनी भी चाहिए ।
उसी विश्वास को जीवन पथ पर निभाने वाले साथियों के लिय :-"गुलाब ऐसे ही थोडें गुलाब होता है ,यह बात काटों पे चलने पर समझ मैं आती है । "













2 comments:

Unknown said...

Arun ur articile is very touching..."bin fere hum tere" good keep it up. my all wishes wid u.

pushpa said...

“Bin phere hum tere”
“yuva piri ki eksha kanoon ne sun li, kanoon ki tarkib ek interview ki tareh hai aap pass hue tou thik werna ‘next candidate’ ”