वो खेल वो साथी वो झूले ,
वो दौड़ के कहना आ छू ले ।
हम आज तलक भी न भूले ,
वो ख्वाब सुहाना बचपन का।
इस गीत की लाइनों ने मुझे अपने ब्लॉग बनाये जाए वाले दिन याद दिला दिया क्योंकि जब हम कोई खेल खेलना नही जानते है तब हम सिर्फ़ दूर से देख कर मन मसोस कर जाते है की काश हम भी खेल लेते । कमोबेश कुछ ऐसे ही मेरे साथ हो रहा था जब मैं दूसरो को ब्लॉग लिखते देख रहा था । क्योंकी इस बावरे कंप्यूटर से मेरा कम परिचय था बस मतलब भर कि दोस्ती थी या कह सकता हूँ कि इस मतलब भर दोस्ती से मेरी नौकरी बची हुई थी
.....बस एक दिन मैने अपने विवेक भइया कहा कि भइया ब्लॉग कैसे बनाते है ...बस जी भाई ने जरा सी देर में मुझे ब्लॉगर बना दिया । पहले मैं सोचता कि यार यह कंप्यूटर पर कैसे ब्लॉग लिखते है ...कैसे करते होंगे ..लेकिन जब मै ब्लॉग कि दुनिया मे आया तो ब्लॉग कि दुनिया इतनी अच्छी लगी कि पता ही नही चला कि कब एक साल का सफर तय कर लिया । ब्लॉग कि दुनिया लोगो ने मेरा स्वागत किया और प्रोत्साहित किया, उसके लिए मेरी ओर से तहे -दिल से शुक्रिया .............बस यूही साथ बनाये रखियेगा ................... ।
" पार ब्रह्म परमेश्वर सगुन रूप सियाराम, जो आवै इस द्वार पर सबको सीताराम "
22 comments:
apko apke blog ki pahli warsgaanth k liye dheron shubhkamnayen.
apko apke blog ki pahli warsgaanth k liye shubhkamnayen.
ब्लॉग की पहली वर्षगांठ पर शुभकामनाये ....
ब्लॉग की पहली वर्ष गांठ पर बधाई ... मै आपके ब्लॉग को दूसरे पोस्ट से पढ़ती आ रही हूँ ...बहुत अच्छा लिख रहे ...
शुभकामनाये ..ऐसे ही लिखते रहियेगा ....लखनऊ के बारे में कुछ और भी ........
ग़ालिब का शेर आपके लिए ..
"इस सादगी पे कौन न मर जाये ए खुदा ,
लड़ते है और हाथ में तलवार भी नहीं "
शुभकामनाएं......
मै आपके ब्लॉग पर पहली बार आई बहुत अच्छा ब्लॉग लगा ..ब्लॉग की पहली वर्षगांठ पर बधाई ....
साल पूरा करने पर बधाई।
पहली वर्षगांठ पर शुभकामनाये
शुभकामनाऎं!!!!
वर्षगांठ पर बधाई!
ब्लॉग की पहली वर्षगांठ पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!
पहले तो ब्लॉग की पहली सालगिरह पर हार्दिक शुभकामना ,ब्लॉगजगत में आने के पहले कुछ मेरा भी अनुभव आप जितना ही था आपने जो हाले ब्यान किया है वो सच और सादगी भरा है दुसरे आपका ब्लॉग नाम मिरेकल अच्छा लगा बधाई ...एक बात और कहना चाहूँगी आपके ब्लॉग के माध्यम से की बहुत से एसे ब्लॉग अभी भी शेष हें जिन पर हम कभी विजिटही नही कर पातें हें अगर वो आँखों के आगे से गुजरते हें और हम उन्हे पढ़ते हें /उन पर कमेंट कर पाते हें ...और कभी कभी कोई निरपेक्ष भाव से हमारे ब्लॉग पर आता है और कह कर या बिना कहे एक आद.भाव में हमे अपने घर इनवाइट करता है तो हमे जाना ही चाहिए और उसका आथितय स्वीकार करना भी ...गर आपके पास समय है तो ...या नही है तो भी ...मेरे ब्लॉग को अगले माह एक वर्ष हो जाएगा ...महिलाओं की संख्या जिनकी मुझे ज़यादा उम्मीद थी कम रही इक अंजानी दूरी उन्होने बनाय रखी...खैर आने वाले वर्ष में आप ब्लॉग जगत की उँचाइयों को छुएँ ..सदभावना के साथ
नमस्कार अरुण जी ,
प्रथम वर्षगांठ पर बधाई .....मै भी विधु जी की बात से सहमत हूँ कि आपने कितनी सरलता और सादगी से अपनी बात कह दी .ब्लॉग कि दुनिया के आसमान मे आप यूही चमकते रहे ,शुभकामनायें .वैसे जिस दौर से आप और विधु जी गुजरे चुके है ,मै तो गुजर रही हूँ ......अदिति
एक साल के सफ़र के लिये आपको बहुत बहुत बधाई। जहां चाह वहां राह को याद रखें। ब्लोग जगत में आपका सितारा यूं ही चमकता रहे।
प्यारे भाई ,आपका ब्लॉग देखा संयोग वश ही, आनंद आ गया .संवेदना ,सौंदर्य और स्पंदन से भरी अभिव्यक्ति .वाकई धन्यवाद ,आभार ,आपका ही ,
डॉ. भूपेन्द्र रीवा एम् पी
congrts....aapka blog achha hai...
साथियों हौंसला अफजाई के लिए....शुक्रिया
ब्लाग की पहली वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई..उम्मीद है आगे काफ़ी कुछ पढने को मिलता रहेगा..
शाम-ए-अवध का खूबसूरत जिक्र पढ़ कर मजा आ गया..मेरी जिंदगी कुछ सबसे खूबसूरत यादें लखनऊ से जुड़ी है.. इस शहर ने मेरी जिंदगी को कुछ सबसे खुशनुमा साल बख्शे हैं..सो यह शहर मेरे दिल की दुनिया मे ताउम्र महफ़ूज़ रहेगा..आपसे गुजारिश है कि लखनऊ के कुछ और खूबसूरत पहलू ब्लोग दुनिया पर सामने लायें..
..मेरे ब्लाग पर प्रतिक्रिया दे कर हौसला अफ़्जाई करने का तहेदिल से शुक्रिया..
Dher sari badhai.Safar jari rahe.
pahale badhaai ho aapko ,blog ke bare me such kaha ye nasha hi aesa hai duniya rangin lagati hai .
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