Saturday, May 09, 2009

"माँ"

हर शख्स की ' माँ ' के लिए ,जिसने जीवन जीने के लिए स्नेह भरा पहला स्पर्श व थपकी पाकर अपना जीवन सुरक्षित किया ।
"जिसकी बाँहों ने हमको सहारा दिया तब, जब हमारे कदम भी जमीं पर नही पड़े थे ।
किसी ने हमारे आसूं कभी न देखे हो पर उसके सामने हम न जाने कितनी बार बेझिझक रोये ।
खेलते वक्त लगी कोहनी ,घुटनों पर छोटी सी खरोचों से लेकर दिल पर लगी हर चोट को आपसे से अधिक उसने सहा ।
इम्तहान तो हमारे होते थे पर असली परीक्षा उसकी रही ।
हमारी कोई गलती भले ही उससे न छुपी हो पर हमारी हर गलती को उसने हर एक से छुपाया ।
हमारी हर कमजोरी को उसने अपनी ममता का मरहम लगाकर हर तरह से मजबूत बनाया ।
जो हमारी हर कामयाबी को देखर मुस्कराने मे ही खुश है ,उस "माँ " को शत -शत अभिनंदन ।
" दुनिया के हर जीव की माँओं को कोटि -कोटि नमन जिसमे ईश्वर बसता है "

4 comments:

Anonymous said...

very true...only mothers can think of the future-because they give birth to it in their children..
sangeeta shukla

Vishnumaya said...

maa wo lamha jisme humara man basta hai. isi ek lamhe me humara sampurna jiwan sinchit hota hai. apke article maa me maa ki antarnihit bhawanao ko ujagar kiya jise shabd de pana ek kathi karya hai.

khidki se said...

this is a good writing for every person & also learn.

Urmi said...

बहुत शुक्रिया आपकी सुंदर टिपण्णी के लिए! मेरे दुसरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है!
मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत ही अच्छा लिखा है आपने! माँ तो हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और उन्ही की वजह से हम आज इस दुनिया में आए हैं!